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भारत को Donald Trump की धमकी: रूस से रिश्ता तोड़ो वरना 500% टैरिफ झेलो

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Donald Trump की धमकी: भारत ने नहीं तोड़े रूस से रिश्ते तो भुगतना पड़ेगा 500% टैरिफ का भारी खामियाजा

World News Hindi:वैश्विक राजनीति एक बार फिर गर्माई हुई है और इस बार सीधे निशाने पर है भारत। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेताडोनाल्ड ट्रंपने भारत को चेतावनी दी है कि यदि उसने रूस से दोस्ती नहीं तोड़ी, तो अमेरिका भारतीय उत्पादों पर500% तक टैरिफ(आयात शुल्क) लगाएगा।

यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब भारत और रूस के बीच ऊर्जा, रक्षा और व्यापार में लगातार नजदीकियां बढ़ रही हैं। साथ ही अमेरिका अपने पुराने रणनीतिक सहयोगी भारत से यूक्रेन युद्ध में तटस्थ न रहने की उम्मीद कर रहा है।


Donald Trump प्रशासन का प्रस्तावित बिल क्या कहता है?

अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन सीनेटरलिंडसे ग्राहमने एक नया बिल पेश किया है, जिसे डेमोक्रेटिक सीनेटररिचर्ड ब्लूमेंथलका भी समर्थन प्राप्त है। इस बिल का मकसद उन देशों को दंडित करना है जो रूस के साथ व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं।

मुख्य बिंदु:

  • रूस से व्यापार करने वाले देशों पर500% टैरिफलागू करने का प्रस्ताव।

  • भारत और चीन पर सीधा नाम लेकर आरोप, कहा—ये दोनों देश रूस से 70% क्रूड ऑयल खरीद रहे हैं।

  • बिल कोअगस्त 2025में सीनेट में पेश किया जा सकता है।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि अब समय आ गया है कि “सख्त कदम उठाए जाएं।”

इस प्रस्ताव का मकसद है कि रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग किया जाए और उसके सहयोगी देशों पर भी दबाव बनाया जाए।


भारत–रूस व्यापारिक रिश्ते: अमेरिका की चिंता क्यों?

भारत और रूस के बीच हाल के वर्षों में व्यापारिक रिश्ते तेजी से मजबूत हुए हैं, खासतौर परतेल और रक्षाक्षेत्र में। रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है।

कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े:

  • कोविड से पहले (2019) भारत-रूस व्यापार:$10.1 अरब

  • 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर:$68.7 अरब

  • 2030 तक दोनों देशों का लक्ष्य:$100 अरबका व्यापार

अमेरिकी नीति निर्धारकों का मानना है कि भारत और चीन की तरफ से रूसी तेल की भारी खरीद सेरूस को यूक्रेन युद्ध लड़ने के लिए आर्थिक मजबूती मिल रही है, जो पश्चिमी देशों के प्रयासों को कमजोर कर रहा है।


बिल कब पेश होगा और कितने सांसद समर्थन में हैं?

इस बिल कोअगस्त 2025में अमेरिकी सीनेट में पेश किए जाने की योजना है। वर्तमान में अनुमान लगाया जा रहा है कि इसे84 से अधिक सीनेटरोंका समर्थन मिल सकता है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों का सहयोग इसे पारित होने की दिशा में एक मजबूत कदम बना सकता है।

ट्रंप ने सांसदों से साफ कहा है:

“अब बिल को आगे बढ़ाने का समय है, और नियमों में कोई ढील नहीं दीजाएगी।”


सिर्फ प्रतिबंध नहीं, अब सख्त कार्रवाई की रणनीति

अमेरिकी गृह सचिवमार्को रूबियोने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और केवल प्रतिबंध लगाना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा:

“अब ऐसे देशों पर भी कार्रवाई करनी होगी जो अप्रत्यक्ष रूप से रूस को मदद पहुंचा रहे हैं।”

भारत और चीन दोनों को इस बयान के केंद्र में माना जा रहा है।


भारत पर संभावित असर

यदि यह बिल पारित हो जाता है और भारत को इसका सामना करना पड़ता है, तो इसका सीधा असर भारत के अमेरिका में होने वाले निर्यात पर पड़ेगा।

जिन क्षेत्रों को सबसे ज़्यादा असर हो सकता है:

भारत की अमेरिका को निर्यात पर बहुत निर्भरता है। ऐसे में 500% का टैरिफ लागू होने पर यह व्यापारव्यावहारिक रूप से असंभवहो जाएगा।


वैश्विक प्रभाव और भारत की कूटनीतिक चुनौती

यह बिल अमेरिका की एक नई रणनीति को दर्शाता है, जिसमें अब वो उन देशों को भी टारगेट कर रहा है जोसीधे युद्ध में शामिल नहींहैं लेकिन आर्थिक रूप से किसी एक पक्ष के साथ खड़े हैं।

भारत के लिए यह चुनौती सिर्फ आर्थिक नहीं बल्किरणनीतिक और कूटनीतिकभी है। भारत अब तक ‘मल्टी-अलाइनमेंट’ की नीति अपनाता आया है, जिसमें वह अमेरिका, रूस, यूरोप और अन्य शक्तियों के साथ संतुलन बनाए रखता है।


भारत की संभावित प्रतिक्रिया

भारत सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है:

  • भारतरणनीतिक स्वतंत्रता (Strategic Autonomy)की नीति पर कायम रहेगा।

  • अमेरिका के साथकूटनीतिक बातचीतका रास्ता अपनाया जाएगा।

  • भारत अपनीऊर्जा खरीद रणनीतिमें विविधता लाने पर विचार कर सकता है।

  • अमेरिका से राहत के लिएराजनयिक समाधानतलाशे जाएंगे।


Donald Trump का यह प्रस्ताव भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर एक गंभीर संकट बनकर सामने आ सकता है। 500% टैरिफ का दबाव भारत को रूस के साथ अपने संबंधों की समीक्षा के लिए मजबूर कर सकता है, लेकिन यह निर्णय भारत कीसार्वभौमिकता, ऊर्जा सुरक्षा, और कूटनीतिक संतुलनको ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा।

अगले कुछ महीने भारत की विदेश नीति और वैश्विक व्यापार में एक नए मोड़ को चिन्हित कर सकते हैं।


❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. ट्रंप का प्रस्तावित बिल क्या है?

यह एक अमेरिकी कानून प्रस्ताव है, जिसमें रूस से व्यापार करने वाले देशों पर 500% तक आयात शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है।

Q2. भारत को क्यों निशाना बनाया गया है?

भारत रूस से बड़ी मात्रा में सस्ता कच्चा तेल खरीदता है, जिससे अमेरिका को लगता है कि यह रूस को आर्थिक समर्थन मिल रहा है।

Q3. क्या यह बिल अभी लागू हो चुका है?

नहीं, यह बिल अगस्त 2025 में अमेरिकी सीनेट में पेश होने की संभावना है और अभी यह चर्चा में है।

Q4. इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

यदि लागू होता है तो भारत के अमेरिका को होने वाले निर्यात पर असर पड़ेगा, जिससे टेक्सटाइल, फार्मा, आईटी और ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

Q5. क्या भारत रूस से व्यापार रोक सकता है?

भारत अब तक ‘स्ट्रैटजिक ऑटोनॉमी’ की नीति पर काम करता आया है और किसी एक पक्ष के समर्थन या विरोध में खुलकर नहीं आता। लेकिन दबाव की स्थिति में भारत को नए कूटनीतिक विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं।

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