चिराग पासवान पर तेजस्वी यादव का करारा तंज: “CM बनना है तो खुलकर बोलिए, नाटक मत कीजिए”
बिहार की राजनीति में एक बार फिर जबरदस्त सियासी गर्मी देखने को मिल रही है। इस बार केंद्र में हैं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जिनके हालिया बयानों ने बिहार की चुनावी हलचल को हवा दे दी है।
चिराग पासवान का बड़ा ऐलान
हाल ही में आरा में आयोजित एक सार्वजनिक सभा के दौरान चिराग पासवान ने एलान किया कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। उनके इस ऐलान को सियासी जानकार सीएम पद की दावेदारी के रूप में देख रहे हैं। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
EP-311 with RJD Leader Tejashwi Yadav premieres today at 5 PM IST
— ANI (@ANI) June 22, 2025
"Constitutional institutions and the media have been hijacked…" Tejashwi Yadav
"Nitish Kumar is tired; retired and corrupt officers are running the government…" Tejashwi Yadav
"There should be reservation in… pic.twitter.com/5dB4MPtep3
तेजस्वी यादव का तीखा जवाब
चिराग के इस रुख पर राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीधे तौर पर हमला बोलते हुए कहा:
“अगर चिराग को मुख्यमंत्री बनना है तो खुलकर बोलें, ‘बिहार बुला रहा है’ जैसे डायलॉग से काम नहीं चलेगा।”
उन्होंने कहा कि ऐसी बातों से जनता अब प्रभावित नहीं होती। उनका कहना था कि जब किसी को राजनीति में शीर्ष पद का सपना होता है तो उसे संकोच नहीं करना चाहिए।
पॉडकास्ट इंटरव्यू में बेबाकी
तेजस्वी यादव ने एएनआई पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान कहा कि अगर किसी को सीएम बनना है तो साफ-साफ कहे कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहता है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा:
“क्या चिराग इतने वर्षों से बिहार से निष्कासित थे कि अब ‘बिहार बुला रहा है’ जैसी बातें कर रहे हैं?”
पीएम मोदी और नीतीश पर भी साधा निशाना
तेजस्वी ने चिराग पर तंज कसने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया:
- “पीएम मोदी जैसा बड़ा कलाकार आज तक इस देश में नहीं हुआ।”
- “मौजूदा सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं और मीडिया को हाईजैक कर लिया है।”
- “नीतीश कुमार अब थक चुके हैं, बिहार में रिटायर्ड और भ्रष्ट अफसरों से सरकार चल रही है।”
उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने की मांग भी दोहराई और कहा कि इससे सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा।
चिराग की चुनावी रणनीति और मुख्यमंत्री बनने की मंशा
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चिराग पासवान के इस तरह के बयान इस ओर इशारा करते हैं कि वह अब केवल एक पार्टी प्रमुख नहीं रहना चाहते, बल्कि बिहार की सत्ता का चेहरा बनना चाहते हैं। वे खुद भी यह कह चुके हैं कि—
- “केंद्र की तुलना में मुझे बिहार की राजनीति में ज्यादा लगाव है।”
- “अगर पार्टी चाहेगी तो मैं विधानसभा चुनाव जरूर लड़ूंगा।”
उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण भारती जैसे सांसद पहले ही कह चुके हैं कि चिराग को अब CM पद के लिए आगे आना चाहिए।
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क्या चिराग पासवान CM पद के योग्य हैं?
चिराग के पक्ष में:
- युवा, तेजतर्रार और डिजिटल-प्रेमी नेता की छवि
- रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत
- जातिगत समीकरण में पासवान समाज का बड़ा समर्थन
चिराग के सामने चुनौतियां:
- संगठन की ग्राउंड लेवल पर पकड़ अपेक्षाकृत कमजोर
- अकेले दम पर 243 सीटों पर चुनाव लड़ना असंभव-सा कदम
- भाजपा और NDA के साथ संबंध अब पूर्ववत नहीं
चुनाव नजदीक, सियासी समीकरण तेज
बिहार में 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, LJP और अन्य क्षेत्रीय दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। ऐसे में चिराग के बयानों को मास्टरस्ट्रोक के रूप में भी देखा जा सकता है और राजनीतिक जोखिम के रूप में भी।
तेजस्वी यादव का बयान चिराग पासवान की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को उजागर करता है। जहां एक ओर चिराग खुद को युवाओं का प्रतिनिधि और बिहार के लिए समर्पित नेता के रूप में पेश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तेजस्वी उन्हें ड्रामा कलाकार कहकर उनकी रणनीति को नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में देखना यह होगा कि क्या चिराग सच में बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो पाएंगे, या फिर ये सिर्फ एक सियासी शोर बनकर रह जाएगा।